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दोस्तो ये जिंदगी सिर्फ चार दिन की हैं दो दिन तुम्हारे हक्क में तो दो दिन तुम्हारे खिलाफ जिस दिन ये जिंदगी तुम्हारे हक्क में हो उस दिन तुम गरूर मत करना और जब ये जिंदगी आपके खिलाफ हो उस दिन सब्र जरूर करना-इंजीनियर लख्मीचंद यादव।
हम जब पांचवी क्लास में पढ़ते थे उस वक्त हमारे गाँव के एक हिस्ट्रीशीटर यादव ने एक कमजोर आदमी के घर मे लूट की व उसकी घरवाली की अस्मत को भी लुटा सभी गांव वालों को ये बात पता चल गया था की ये काला कारनामा किया किसने गांव में उसी प्रकरण पर एक दिन बड़ी पंचायत भी हुई हम भी पहुच गए उस पंचायत को देखने की कौन करेगा पंचायत में उस हिस्ट्रीशीटर के नाम को उजग्गर तीन बार पीड़ित ने पंचायत में कहा कि पंचो में उस हिस्ट्रीशीटर का अब नाम उजग्गर कर रहा हु जाहिल लोगो की भीड़ हर बार उसे नाम उजग्गर करने से रोक देती थी कि यहाँ आप मर्डर करवाओगे हम पर उस पीड़ित के आँशु व दुख नही देखा गया हमने तहस में आकर भरी पंचायत में ही कह दिया की फला आदमी ने ये सब किया है हिस्ट्रीशीटर का बाप पंचायत में चौधरी बनकर सभी को एक लट्ठ से हांक रहा था हमने कहा इसका ही लड़का हैं वो हिस्ट्रीशीटर जिसने ये सब किया है पकड़ो इसको यही इसका बेटा अपने आप अपने बाप को छुड़ाने आएगा।
दोस्तो उसी तरह जब हम नोवी क्लास में पढ़ते थे मेरे गाँव के हिस्ट्रीशीटर दबंग प्रधान ने एक गरीब छोटी जाती के आदमी की बेटी की बरात नही चढ़ने दी और दूल्हे को गोली मार देने तक की धमकी भी दे डाली।
गरीब लड़की का अभागा पिता जब हमारे पिताजी के पास मदद मांगने आए उस वक्त हमारे पिताश्री महाभारत ग्रन्थ पढ़ रहे थे गरीब की पीड़ा सुनते ही हमसे पिताश्री बोले लख्मी राइफल लेकर जाओ और इस गरीब की बेटी की बारात चढ़वाकर आओ मेरा पिताश्री ऐसे थे वो अपने बेटे को देखने तक भी नही गए कि बेटा अकेला किनसे लोहा लेने गया हैं खैर हम गरीब की बारात चढवाकर घर आ गए।
हमने धरातल पर अनगिनत ऐसे साहसिक काम किये हैं जिसके बारे में बड़े बड़े धन्नासेठ तुर्रमखां सोच भी नही सकते हमने फालतू की गाल बजाई व भाषण बाजी कभी भी की नही और ना हम अबसे पहले भी किसी के पिछलग्गू बने हैं और ना हम आगे भी किसी के पिछलग्गू बनेगे और हम करेंगे वही जो अबतक करते आये है सिर्फ धर्म के मार्ग पर चलकर और समाजवाद के मार्ग पर चलकर हर किसी के हित मे हम इसी तरह कार्य करते रहेंगे नट कंजड़ हमारी पीठ पीछे क्या कहते हैं उनकी हमे बिल्कुल भी परवाह नही परन्तु हम करेंगे वही जिसमे सभी का हित हो हम अपने हित के लिए कोई भी ऐसा कार्य कदापि नही करेंगे जिस से हमारी कहि भी समाज मे नामोसी हो व रेपुटेशन खराब हो देश के बड़े बड़े नामी ग्रामी उधोगपतियों का मिल रहा है हमे साथ इस लिए हम असहाय गरीबो के लिए व पढ़े लिखे बेरोजगारों के लिए बहुत अच्छा व बहुत बड़ा काम अवश्य एक दिन कर जाएंगे।
पर हम करेंगे वही जिसकी वर्तमान को जरूरत है हमने भारतीय जनसेवा मिशन का प्रथम स्थापना दिवस का प्रसारण देश के 6 राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों पर चलवा दिया क्या अब से पहले किसी भी सामाजिक संगठन का स्थापना दिवस का प्रसारण किसी भी न्यूज़ चैनलों पर इस तरह से चल हैं? अगर किसी सामाजिक संगठन का प्रसारण इस तरह से चला हो तो हमे जरूर बताए।
अगर 26 जनवरी में दिल्ली में अराजकता का माहौल ना हुआ होता तो ये प्रोग्राम ऐसा होता जिसको देखने वाले भी रह जाते दंग पर द्वारिकाधीश को सायद ये पसन्द नही था इस लिए उन्होंने जो किया वही सही हैं अभी तो सिर्फ ट्रेलर हैं पूरी फिल्म तो अभी बाकी हैं।
सोचो संगठन के सिर्फ 5 लोगो ने ही दिया फिजिकल व आर्थिक सहयोग तब हमने इतना भव्य व ऐतिहासिक प्रोग्राम कर दिखाया अगर संगठन के 80 लोग आर्थिक व फिजिकल मदद दिए होते तो केसा होता ये प्रोग्रान जरा सोचो।
संघर्ष और जनसेवा हैं हमारा लक्ष्य।
इंजीनियर लख्मीचंद यादव राष्ट्रिय अध्यक्ष भारतीय जनसेवा मिशन सम्पर्क-9927530581।