लता निधन:- ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने जताया गहरा दुख - समाचार RIGHT

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सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

लता निधन:- ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने जताया गहरा दुख

लता निधन:- ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने जताया गहरा दुख

लता जी का निधन हृदय विदारक:- जिलाध्यक्ष सुरेश प्रकाश कौन्तेय

मधुर आवाज मौन होने पर स्तब्ध हूं :- तहसील अध्यक्ष प्रियंक सर्राफ

भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की दिग्गज के रूप में याद रखेंगी:-महामंत्री पत्रकार इन्द्रपाल सिंह

संगीतप्रेमियों के लिए बड़ी क्षति:- वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कुमार वैद्य

कला जगत की अपूरणीय क्षति:- कोषाध्यक्ष अजीज मोहम्मद

मड़ावरा/ललितपुर। कंठ कोकिला, भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर देश में शोक की लहर छा गई। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन तहसील इकाई मड़ावरा ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया, संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यो ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। 92 वर्षीय स्वर साम्राज्ञी ने रविवार 6 फरवरी की सुबह अंतिम सांस ली। बीते करीब 29 दिनों से उनका इलाज चल रहा था। वसंत पंचमी के दिन उनकी हालत अत्यंत नाजुक हो गई थी। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

लता जी का निधन हृदय विदारक:-
 जिलाध्यक्ष सुरेश प्रकाश कौन्तेय कहा, 'लता जी का निधन समस्त देशवासियों एवं दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है हृदयविदारक। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए, पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। उनकी उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।

तहसील संरक्षक दीपक दुबे ने कहा है कि भारत रत्न से अलंकृत हम सब की प्यारी दीदी लता मंगेशकर जी के देवलोक गमन का दुखद समाचार पाकर स्तब्ध हूं। यह संगीत जगत के एक अप्रतिम युग का अंत है। ईश्वर दीदी को अपने श्रीचरणों में स्थान, शोक संतप्त परिजनों व दीदी के प्रशंसकों को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करे।

मधुर आवाज मौन होने पर स्तब्ध हूं :-
 तहसील अध्यक्ष प्रियंक सर्राफ ने कहा, 'स्वर कोकिला लता जी की मधुर आवाज आज मौन होने पर स्तब्ध हूं। एक युग का अंत हो गया। दिल छू लेने वाली आवाज, राष्ट्र प्रेम के गीत और लता दीदी का संघर्षमय जीवन सदा पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा।

भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की दिग्गज के रूप में याद रखेंगी:-
महामंत्री पत्रकार इन्द्रपाल सिंह कहा, 'मैं शब्दों से परे पीड़ा में हूं। दयालु और देखभाल करने वाली लता दीदी अपने प्रसंशकों छोड़कर चली गई हैं। वे हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई है, जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी। लता दीदी के गानों ने कई तरह के इमोशन्स को उभारा। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के बदलावों को करीब से देखा। फिल्मों से परे, वह हमेशा भारत के विकास के बारे में भावुक थीं।

संगीतप्रेमियों के लिए बड़ी क्षति:-
वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कुमार वैद्य ने कहा, 'सुर व संगीत की पूरक लता दीदी ने अपने सुर से न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में हर पीढ़ी के जीवन को भारतीय संगीत की मिठास से सराबोर किया। संगीत जगत में उनके योगदान को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है। उनका निधन संगीतप्रेमियों के लिए बड़ी क्षति है।'

कला जगत की अपूरणीय क्षति : 
कोषाध्यक्ष अजीज मोहम्मद ने कहा, 'हर संगीत प्रेमी के हृदय में निवास करने वाली स्वर कोकिला, भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन हृदय विदारक है। यह संपूर्ण कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें। लता दीदी के परिजनों और विश्वभर में फैले करोड़ों प्रशंसकों के प्रति संवेदना।

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