आज का मनुष्य भौतिकता की दौड़ में स्वयं को भूल गया-प्रो विजय श्रीवास्तव
वेदांत दर्शन पर संस्कृत विभाग द्वारा व्याख्यानमाला का आयोजन
जनपद आगरा:-"आज का मनुष्य भौतिकता की ओर अधिक भाग रहा है तथा स्वयं को भूल गया है, जबकि भौतिक संपत्तियां नश्वर हैं अतः अनित्य हैं, जबकि हम साक्षात परमात्मा के अंश हैं और उससे अभिन्न है। अतः हमें स्वयं पर ध्यान देना है न कि भौतिकता पर।" यह कहना है आरबीएस कॉलेज, आगरा के प्राचार्य प्रो विजय श्रीवास्तव का। वह आगरा कॉलेज, आगरा में संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित वेदांत दर्शन पर पं गंगाधर शास्त्री व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में अपने उद्गार प्रकट कर रहे थे। यह व्याख्यानमाला आगरा कॉलेज, आगरा के स्थापना के 200वें वर्ष के अवसर पर कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किया गया। व्याख्यानमाला का विषय था वेदांत दर्शन।
उन्होने आगे कहा कि वेदांत दर्शन भारतीय आस्तिक दर्शनों में सर्वोपरि है, उसमें वेदांत के अधिकारी हेतु चार शर्ते बताई गई हैं, जिनमें विवेक, विराग, शमन आदि तथा अंतिम मोक्ष की उत्कट इच्छा है।
व्याख्यानमाला की अध्यक्षता करते हुए आगरा कॉलेज प्राचार्य प्रो अनुराग शुक्ला ने कहा कि वेदों से वेदांत प्रथक नहीं किए जा सकते। वेदांत उपनिषद मात्र नहीं है, वेद 4 स्वरूपों में संगठित हैं ना कि 4 स्वरूपों में विभक्त।
ऐसे ही हमारा समाज चार वर्णों में विभक्त नहीं, वरन संगठित है। उपनिषद हमको संस्कार देते हैं। जब भारतीय उपनिषद साहित्य फ्रेंच, जर्मन आदि भाषाओं में अनुवाद होकर यूरोप पहुंचे, तब वहां पर पुनर्जागरण हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परम उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए भी यह आवश्यक है कि आगरा के प्रमुख पांचों महाविद्यालयों के संस्कृत के विद्यार्थी समय-समय पर इन महाविद्यालयों के संस्कृत के विद्वानों को संगोष्ठीओं के माध्यम से सुनते रहें।
सेंट जॉन्स कॉलेज की संस्कृत विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो मंजू लता शर्मा ने कहा कि आधुनिक संस्कृत साहित्य में वेदांत दर्शन के बहुत उधर मिलते हैं और आधुनिक काव्य में वेदांत दर्शन को बड़ी सुंदरता से लोकहित में उकेरा गया है।
व्याख्यानमाला का संचालन संस्कृत विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर कमलेश शर्मा ने किया।
इस अवसर पर डा छगनलाल, सेंट जॉन्स कॉलेज से डॉ डोली, प्रो अमिता सरकार, प्रो गीता महेश्वरी, प्रो अमित अग्रवाल, गौरव प्रकाश आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।