आर्थिक तंगी से जूझ रहे आगरा में अंग्रेजों के दिमाग को ठीक करने के लिए बने मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की ओपीडी की फीस पांच गुना बढ़ाई गई
आगरा में 1857 की क्रांति के समय नार्दन प्रोविंस के लेफ्टिनेंट गवर्नर केल्विन कार्यालय आगरा में था. वे अपना मानसिक संतुंलन खो चुके थे, इसके अलावा अंग्रेजों के कई सैनिक भी तनाव में थे. ऐसे में क्वीन विक्टोरिया की अनुमति के बाद ब्रिटिश सैनिकों के इलाज के लिए आगरा में 1859 में मानसिक आरोग्यशाला की स्थापना की गई…लेकिन ब्रिटिशकालीन में बने इस स्वास्थ्य संस्थान की आर्थिक हालत इस समय ठीक नहीं है.
ओपीडी का पर्चा 10 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हुआ
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय की आय की स्त्रोतों में वृद्धि संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किए गये जिसमें संचालित लघु अवधीय प्रशिक्षण हेतु निर्धारित दरों के पुर्ननिर्धारण करने एवं बाह्य रोगी विभाग के सामने उपलब्ध जमीन पर वाहन पार्किंग बनाये जाने के प्रस्ताव को मण्डलायुक्त द्वारा स्वीकृति दी गयी. बाह्य रोगी विभाग में आने वाले मनोरोगियों के पंजीकरण शुल्क एवं फाइल चार्ज शुल्क को पुनरीक्षित करने का प्रस्ताव रखा गया. प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा के बाद प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करते हुए पंजीकरण शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर 50 रूपये जबकि फाइल चार्ज का शुल्क 150 रुपये से बढ़ाकर 200 रूपये निर्धारित किया गया. वहीं उपचार प्राप्त रोगियों के सहायक को केन्द्रीय भोजनालय से प्रतिव्यक्ति, प्रतिदिन के आधार पर पुननिर्धारित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया. प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी। जिसके बाद प्रतिव्यक्ति, प्रतिदिन स्वल्पाहार, दोपहर व सांयकाल का भोजन एवं चाय की सुविधा 100 रुपये से बढ़ाकर 125 रूपये में प्राप्त होगी.
एमडी की फीस 48 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये हुई
एमडी मनोचिकित्सा पाठ्यक्रम के स्ववित्त पोषित व्यवस्था के अनुसार अनुमोदित पुनरीक्षित वार्षिक फीस के औचित्य पर अनुमोदन संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा की गयी। समिति द्वारा विचारोपरान्त सामान्य श्रेणी के प्रशिक्षणार्थियों के लिए वार्षिक फीस 48 हजार से बढ़ाकर एक लाख तथा आरक्षित श्रेणी के लिए 38 हजार से बढ़ाकर 75 हजार वार्षिक फीस का औचित्यपूर्ण प्रस्ताव नियमानुसार स्वीकृति हेतु शासन में भेजने के निर्देश दिए। अंत में एटीएफ (एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी) के संचालन हेतु संविदा पर नियुक्ति किए जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। नियुक्ति हेतु चयन की प्रक्रिया एवं गठित समिति की समीक्षा करने के बाद सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गयी।