आगरा में आकाशीय बिजली गिरने से पति पत्नी की मौत, बादलों की गड़गड़ाहट के बीच ये गलती हो सकती है जानलेवा, कैसे गिरती है बिजली और किन्हें रहता है खतरा जानें
आगरा के चित्राहाट के गांव पई के रहने वाले 45 साल के हरि सिंह अपनी पत्नी 42 साल की कांति देवी के साथ मंगलवार शाम को खेत पर मूंग की फसल काट रहे थे, उसी समय बादलों की गड़गड़ाहट के साथ आकाशीय बिजली गिरी, दोनों बुरी तरह से जल गए और मौत हो गई।
बादलों में पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज के टकराने पर कड़कती है बिजली
बादलों में पानी के कण जब हवा से टकराते हैं तो पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज बन जाता है जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज वाले ये कण एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो आकाशीय बिजली बनती है। इसमें हाई वोल्टेज करंट बनता है और तेज आवाज होती है। यह बिजली बादलों की दरारों से होती हुई नीचे की तरफ आती है।
खेत, पेड़ और उंची इमारतें पर बिजली गिरने का सबसे ज्यादा खतरा
बिजली जब नीचे गिरती है तो खेत, पेड़ और उंची इमारतों में बिजली के चार्ज के खिलाफ चार्ज पैदा होता है, इस चार्ज की मात्रा ज्यादा होती है बादल वाली बिजली भी इसमें आ जाती है और खेत, पेड़ पर बिल्डिंग में बिजली प्रभावित होने लगती है। इसके संपर्क में जो भी आता है उसे हाईवोल्टेज करंट लगता है, बिजली के उपकरणों में भी करंट आ जाता है और शरीर पूरी तरह से झुलस जाता है। बिजली चमकने पर बिजली से चलने वाले उपकरण, टेलीफोन, दरवाजे और खिड़की बंद कर लेनी चाहिए।