महिला ग्राम प्रधानों से डीएम ने पूछे विकास कार्य के अनुभव
सोशल ऑडिट सेमीनार, जनसुनवाई व जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
ललितपुर। आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी अन्नावि दिनेशकुमार की अध्यक्षता में सोशल ऑडिट सेमिनार/जनसुनवाई एवं जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष कैलाश निरंजन एवं राज्यमंत्री प्रतिनिधि की गरिमामयी उपस्थिति रही। बैठक में डीडीओ ने कहा कि ग्राम पंचायत को अधिकारी था कि वह अपनी योजनाएं बनाये और उनका क्रियान्वयन, एजेन्सी के माध्यम से करे। इसके साथ यह व्यवस्था की भी गई कि सोशल ऑडिट के माध्यम से जनसामान्य के समक्ष पारदर्शिता के साथ कार्यों को रखा जा सके। डीएम ने नवनियुक्त ग्राम प्रधानों विशेषकर प्रथम बार निर्वाचित महिला प्रधानों से प्रधान के तौर पर कार्य करने में आ रही समस्याओं एवं अपने अनुभव साझा करने को कहा, जिस पर ग्राम गेवरागुंदेरा, मैलवाराकलां एवं छिपाई की महिला प्रधानों ने अपने अनुभव साझा किये। मौके पर ग्राम प्रधान बुढ़वार ने बताया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में ग्राम की अंतिम व्यक्ति की सहभागिता हमारा उद्देश्य है। सोशल ऑडिट के उपरान्त आपत्तियां प्राप्त होती है, उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट में अंक देने की प्रक्रिया शुरु की जाये, जिससे प्रधानों के बीच प्रतिस्पर्धा हो। राज्यमंत्री प्रतिनिधि डा.सुरेन्द्र पंथ ने कहा कि सरकार का प्रमुख उद्देश्य है कि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकारी की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो। सभी ग्राम प्रधानों से आह्वान किया कि सरकार की योजनाओं की जानकारी प्रत्येक ग्रामीण तक पहुंचे। सोशल ऑडिट के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित की जाये। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि सोशल ऑडिट का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, सोशल ऑडिट टीम जितनी मुस्तैदी से कार्य करेगी उतना ही अधिक योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचेगा। अभी तक देखने में आया है कि ऑडिट का जितना लाभ लोगों को मिलता था, वह प्राप्त नहीं हुआ है। सभी ग्राम प्रधानों से आह्वान किया कि सोशल ऑडिट टीम का सहयोग करें तथा इन टीमों के कार्यों को भी देखें। साथ ही डी.सी. मनरेगा से अनुरोध है कि ऑडिट में जो कमियां पायी गई हैं, उनको दूर करायें। जिला पंचायत अध्यक्ष कैलाश नारायण निरंजन ने कहा कि किसी भी ग्राम पंचायत या मनरेगा योजना के कार्यों में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए ऑडिट आवश्यक है। ऑडिट टीम यह भी देखे कि निर्माण कार्य में जो अनियमितता बरती गई, उसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाये। मनरेगा में कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाये, जिससे समाज के अंतिम छोर तक के लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी लोगों को सभी योजनाओं की जानकारी हो, ऐसा सम्भव नहीं है, ऐसे में लोगों को पारदर्शिता एवं जानकारी देने के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाता है। सभी ग्राम प्रधानों से अनुरोध है कि वे अपने कार्यों के लिए स्वयं जिम्मेदार है, इसलिए वे अपने कार्यों को स्वयं देखें। ऑडिट टीम पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करे। ग्राम प्रधान यदि अपने ग्राम के विकास के लिए प्रयास करेंगे तो आपका नाम हमेशा के लिए याद रखा जायेगा। आपको सिर्फ प्रधान नहीं बनना है, बल्कि एक अच्छा प्रधान बनना है। इसके साथ ही आप कार्यों की प्रक्रिया पर भी जानकारी रखें। इस दौरान सीडीओ अनिल कुमार पाण्डेय, डीडीओ के.एन.पाण्डेय, पी.डी. डीआरडीए ए.के. सिंह, डी.सी. मनरेगा रविन्द्रवीर यादव, डी.सी. एनआरएलएम रामसमुज, प्रशिक्षण अधिकारी सलीम खान सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी एवं विभिन्न ग्रामों के ग्राम प्रधान मौजूद रहे।