उत्तर प्रदेश मुस्लिम महापंचायत ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन,स्वीडन सरकार का फूंका पुतला
जनपद आगरा:- उत्तर प्रदेश मुस्लिम महापंचायत के सरपंच नदीम नूर के नेतृत्व मे आगरा ज़िला मुख्यालय पर जोरदार नारेबाजी करते हुए स्वीडन सरकार का पुतला फूंका गया।
आपको बता दें अभी कुछ दिन पूर्व बकरा ईद के दिन स्वीडन की राजधानी में एक मस्जिद के बाहर सरकार की अनुमति से एक व्यक्ति ने पवित्र इस्लामिक ग्रंथ कुरान शरीफ को जलाया था जिसके विरोध में आज आगरा जिला मुख्यालय पर उत्तर प्रदेश मुस्लिम महापंचायत के सरपंच नदीम नूर के नेतृत्व में पुतला फूंक कर प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी आगरा के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया जिसमें नदीम नूर ने कहा स्वीडन सरकार के द्वारा धार्मिक कट्टरता एवं आतंकी विचारधारा रखने के चलते एक व्यक्ति को पवित्र ग्रंथ कुरान शरीफ को जलाने की अनुमति दी जिससे दुनिया भर के करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं को आहत कर पूरी दुनियां के शांत माहौल को ख़राब करने की नापाक कोशिश की हैं। जिससे पूरी दुनियां के इस्लामिक मुल्कों में भारी आक्रोश हैं और दुनियां के तमाम मुल्कों ने स्वीडन से अपने रिश्ते भी खतम कर दिए है। वहीं स्वीडन की इस ओछी हरकत से हमारे मुल्क के तमाम अमन पसंद मुसलमानों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने का काम किया है जिसको किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं रहीस अल्वी ने कहा इस ज्ञापन के माध्यम से हम अपने जज्बातों का इजहार करते हुए प्रधानमंत्री से तुरंत ही स्वीडन से सभी प्रकार के रिश्ते खत्म करने की मांग करते हैं। इसके साथ ही हमारे मुल्क की राजधानी में स्थित स्वीडन के दूतावास को भी बंद करने की मांग करते हैं जिससे हमारे देश में अमन चैन और भाईचारा कायम रहे साथ ही सरकार के प्रति भी विश्वास पैदा हो कि सरकार मुसलमानों के जज्बातों की कद्र करती है।
वहीं अमजद कुरैशी ने कहा अभी कुछ दिन पूर्व भारत में एक हरियाणवी लोक गायक विकास बब्बर सिंघोलिया ने मुसलमानों के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल मक्का को लेकर एक विवादास्पद गीत गाया है जिसमें भगवान श्री भोले शंकर जी को मक्का में पूजने की बात कहकर देश की शांत फिजा में जहर घोलने का काम किया है।
अतः आपसे निवेदन है ऐसे विवादास्पद गीतकार के ऊपर तुरंत कानूनी कार्रवाई होनी चाइए और इसके द्वारा गाए गए गीत पर रोक लगाकर सभी शोशल साइट से इसका गीत डिलीट होना चाइए जिससे हमारे देश में किसी प्रकार की वैमस्ता ना उत्पन हों सके। पुतला फूंक कर ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से नदीम नूर, अमजद कुरैशी, रहीस अल्वी, मोहसिन खान, फ़रमान कुरेशी, सादिक अल्वी, मोहम्मद शफीक , आसिफ़ नबाब, फुरकान वारसी, जाकिर अल्वी, शानू कुरैशी, नदीम ठेकेदार, रफीक रजा, इमरान अब्बास, मुकीत कुरैशी, यासीन सिद्दकी, आज़ाद अल्वी, सईद सद्दाम हुसैन, मुनीश अल्वी, अमिल सलमानी, इशाक अल्वी, राशिद वसीम, रिज़वान कुरेशी, मुईन कुरेशी, बाबू भाई, आदि लोग मौजूद रहें।