आगरा में एयरफोर्स अधिकारी की मौत के बाद शव से लिपटकर रोए पत्नी, मां और बेटा.नम आंखों से दी अंतिम विदाई.
आगरा एयरबेस में ट्रनिंग के दौरान हेलीकॉप्टर से जंप करते समय पैराशूट न खुलने से एयरफोर्स अधिकारी रामकुमार तिवारी की शनिवार को मौत हो गई थी. रविवार को मृत अधिकारी रामकुमार तिवारी का शव उनके गांव प्रतापगढ़ के बेलहा गांव पहुंचा. यहां पर नम आंखों से सैकडों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी और उन्हें पंचतत्व में विलीन किया. पत्नी और दोनों बच्चे मृत अधिकारी के साथ एंबुलेंस से गांव पहुंचे.
अपने बेटे के शव को देखकर मां लिपट कर रोने लगी. इधर पिता ने हाथ जोड़कर बेटे को आखिरी प्रणाम किया. राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने भी शहीद को श्रृद्धांजलि अर्पित की इसके बाद शव को घर से मानिकपुर के गंगा घाट लाया गया. यहां एयरफोर्स के जवानों ने शहीद को गार्ड आफ आनर दिया, पिता रमाशंकर तिवारी ने बेटे को मुखाग्नि दी
ट्रेनिंग देते समय हुआ हादसा मृतक एयरफोर्स अधिकारी रामकुमार तिवारी आगरा एयरबेस में वारंट अफसर के पद पर तैनात थे. शनिवार को हादसे के समय वह जवानों को हेलीकॉप्टर से जंप की ट्रेनिंग दे रहे थे. सुबह करीब साढ़े नौ बजे आगरा एयरबेस पर यह ट्रेनिंग चल रही थी. वह हेलिकॉप्टर से जैसे ही कूदे लेकिन टेक्निकल वजह से उनका पेराशूट नहीं खुल पाया और वह सीधे जमीन पर आ गिरे. अस्पताल ले जाने के बाद करीब पौने 12 बजे उनकी मौत हो गई.।
दो बच्चे के साथ रहते थे आगरा में
रामकुमार तिवारी आगरा में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे, पत्नी का नाम प्रीति विारी और दो बेटे 14 साल का यश व 10 साल का कुश है. पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी बेसुध हो गई. हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया है.
पिछले महीने भी हुई थी ऐसे ही मौत आगरा एयरबेस पर इस तरह का यह पहला हादसा नहीं है. 8 फरवरी को ही इसी तरह वारंट अफसर मंजूनाथ की भी मौत हुई थी. वह भी पैराशूट प्रशिक्षण की ट्रेनिंग दे रहे थे और वायुसेना के विमान से छलांग लगाने के बाद उनका पैराशूट समय पर नहीं खुला जिससे वो नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में उनकी भी अस्पताल में मौत हो गई थी.।