आगरा। आयुक्त कार्यालय लघु सभागार में आज मंगलवार को मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आगरा स्मार्ट सिटी की 37वीं बोर्ड बैठक हुई। इसमें कई अहम निर्णय लिए गए।
सर्वप्रथम विगत 36वीं बोर्ड बैठक में दिये गए निर्देशों के अनुपालन में आख्या की स्थिति पर चर्चा की गयी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अन्तर्गत घरों में लगाये गये आरएफआईडी स्कैनर से शत प्रतिशत स्कैनिंग डाटा मिल रहा है। स्मार्ट सिटी द्वारा स्थापित किए गये 63 एटीसीएस जंक्शन में से 30 जंक्शन ही एटीसीएस मोड पर मोड पर चल रहे हैं। निर्देश दिए कि ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से ब्लिंक मोड जंक्शन की संख्या में कमी लाते हुए ज्यादा से ज्यादा जंक्शन एडेप्टिव मोड पर चलाना सुनिश्चित किया जाए। वहीं सभी स्मार्ट जंक्शन पर लगे प्रदूषण सूचकांक को लेकर निर्देश दिए कि प्रदूषण के मानक को ध्यान में रखकर प्रत्येक जंक्शन पर आ रहे डेटा अंतर पर अध्ययन किया जाए। साथ ही एक्यूआई सुधार हेतु पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाने, ग्रीन क्षेत्र विकसित करने जैसे अन्य उचित कदम उठाए जाएं।
आईटीएमएस में 43 जंक्शन से रेड लाइट वॉयलेशन, ओवर स्पीडिंग और गलत साइड चलने वाले वाहन स्मार्ट कैमरे में हजारों की संख्या में कैद होने के बावजूद बहुत कम संख्या में चालान जनित हो रहे हैं। बैठक में मौजूद एडीसीपी ट्रैफिक को निर्देश दिए गए कि ट्रैफिक वॉयलेशन के सापेक्ष ज्यादा से ज्यादा संख्या में चालान जारी किए जाएं। साथ ही चालान के विरुद्ध अपील करने वालों को एक विकल्प के साथ चालान कॉपी में ऑनलाइन जुर्माना जमा करने की सुविधा दी जाए।
सिटी एप मेरा आगरा को अभी तक 19121 यूजर्स द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है। जिस पर आगरा शहर में होने वाले सभी ईवेंट, हेरीटेज/स्मारक की टिकट बुकिंग, नगर निगम और एडीए की जनसेवा का यूजर्स द्वारा लाभ उठाया जा रहा है। एप पर लगभग 32168 शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें से 29336 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। अवगत कराया गया कि मेरा आगरा एप्लीकेशन में पेट (पालतू जानवर) रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा शुरू कर दी गई है। निर्देश दिए गए कि पेट रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों को फैसिलिटेट किया जाए। पालतू जानवरों से संबंधित किसी भी समस्या व शिकायत के लिए संपर्क विवरण भी जारी किया जाए। सदर स्थित क्वीन एम्प्रैस मैरी लाइब्रेरी का जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने के बाद संचालन शुरू कर दिया गया है। लाइब्रेरी की सदस्यता फ़ीस एक हजार प्रति वर्ष रखी गई है जबकि सिक्योरिटी मनी के रूप में एक हजार अलग से देय है जो कि रिफंडेबल है।