आगरा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आगरा कॉलेज में संचालित ग्रीष्मकालीन विधिक इंटर्नशिप कार्यक्रम का समापन हो गया है। यह कार्यक्रम व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने और विधिक सेवा तंत्र से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः राम लाल वृद्धाश्रम के शैक्षणिक भ्रमण से हुआ। जहां विद्यार्थियों ने वृद्धजनों की देखभाल व्यवस्था की। कार्यप्रणाली एवं उनसे जुड़ी विधिक संरचनाओं को समझा। इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को समाज के उपेक्षित वर्गों की सेवा से जोड़ते हुए उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाना था। समापन सत्र में जिला जज संजय कुमार मलिक ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दी। उन्होंने विधिक शिक्षा, सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और संवैधानिक मूल्यों की प्रासंगिकता पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रेरणादायी विचार साझा किए। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डॉ.दिव्यानंद द्विवेदी ने ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम की समग्र उपलब्धियों का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को विधिक संरचना एवं सामाजिक सरोकारों से जोड़ने में सहायक रहा।
दोपहर से “पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में विधिक समस्याएं” विषय पर एक अत्यंत ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित हुआ, जिसमें प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने बताया कि पर्यटन क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण,अनुबंध कानून, मानव अधिकार, पर्यावरण संरक्षण एवं विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा से संबंधित कई विधिक पहलू जुड़े होते हैं, जिनकी जानकारी पर्यटन प्रबंधन एवं विधि विद्यार्थियों को अवश्य होनी चाहिए।
तीसरा सत्र शाम को आरंभ हुआ, जिसका विषय था “मौलिक अधिकार एवं रिमांड से संबंधित विधि”। इस अवसर पर अपर जिला जज महेश चंद्र वर्मा द्वारा बताया कि मौलिक अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त सर्वोच्च अधिकार हैं और रिमांड जैसी प्रक्रियाएं नागरिक स्वतंत्रता से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण कानूनी व्यवस्थाएं हैं। यह सत्र छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी और जानकारीपूर्ण रहा। समन्वयक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डॉक्टर अरुण कुमार दीक्षित ने पूरे कार्यक्रम का समन्वयन करते हुए छात्रों की सक्रियता की सराहना की। प्राचार्य डॉ. सीके गौतम, डॉक्टर गौरव कौशिक, डॉक्टर भूपेंद्र चिकारा, डॉ.मदन मोहन शर्मा आदि उपस्थित रहे।