आगरा मेट्रो परियोजना के पहले कॉरिडोर के भूमिगत खंड में काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे प्रथम कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन में परिचालन शुरू होने के बाद अब यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन शेष भूमिगत हिस्से को समयबद्ध रूप से पूरा करने में जुटा है।
श्रीमनःकामेश्वर से आरबीएस रैंप तक 1.5 किमी ट्रैक स्लैब तैयार
श्रीमनःकामेश्वर स्टेशन से आरबीएस कॉलेज रैंप तक भूमिगत सेक्शन में करीब 1.5 किलोमीटर लंबे ट्रैक स्लैब की कास्टिंग पूरी कर ली गई है। इसी खंड में लॉन्ग वेल्डेड रेल बिछा दी गई है, जिससे अब अप और डाउन लाइन के दोनों ट्रैकों पर ट्रेनों के संचालन की तैयारी अगले चरण में पहुंच गई है।
अब होगा थर्ड रेल और सिग्नलिंग सिस्टम का इंस्टॉलेशन
रेल बिछाने के बाद अब थर्ड रेल, सिग्नलिंग सिस्टम और कम्युनिकेशन नेटवर्क जैसे अहम इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल सिस्टम्स का इंस्टॉलेशन कार्य किया जाएगा। इन कार्यों की सफलता के बाद ही इस भूमिगत खंड में मेट्रो का ट्रायल शुरू हो सकेगा।
चार भूमिगत स्टेशन भी लगभग तैयार
प्रथम कॉरिडोर के इस अंडरग्राउंड सेक्शन में आने वाले चार प्रमुख स्टेशन मनःकामेश्वर, जामा मस्जिद, आगरा कॉलेज और आरबीएस कॉलेज का सिविल स्ट्रक्चर कार्य पूर्ण हो चुका है। इन स्टेशनों पर फिनिशिंग, एस्केलेटर, लिफ्ट और अन्य यात्री सुविधाओं की स्थापना अंतिम चरण में है।
एलिवेटेड सेक्शन और सेकंड कॉरिडोर पर भी कार्य तेज
आईएसबीटी से सिकंदरा तक शेष एलिवेटेड खंड पर सिविल व ट्रैक वर्क तीव्र गति से जारी है। वहीं, आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक के दूसरे कॉरिडोर पर भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। यूपीएमआरसी का लक्ष्य है कि आगरा को तय समय में फुल-कनेक्टेड मेट्रो सिस्टम प्रदान किया जाए।
ऐसे होता है भूमिगत ट्रैक का निर्माण
स्टेशन निर्माण: सबसे पहले स्टेशन का सिविल स्ट्रक्चर बनता है।
टीबीएम से टनलिंग: लॉन्चिंग शाफ्ट के जरिए टनल बोरिंग मशीन चलाकर गोलाकार सुरंग बनाई जाती है।
ट्रैक स्लैब कास्टिंग: टनल गोलाकार होती है, इसलिए उसके भीतर समतल कंक्रीट ट्रैक स्लैब तैयार किया जाता है।