आगरा। दीपों के पर्व ने आगरा को उजालों से भर दिया है। सोमवार की शाम जैसे ही सूरज ढला, शहर का कोना-कोना रौशनी, खुशियों और श्रद्धा से जगमगा उठा। घरों में दीयों की कतारें, मंदिरों में घंटों की गूंज, घरों से आती खिलखिलाने की आवाज़ें और आसमान में फूटती आतिशबाज़ी, सब मिलकर दीपावली को दिव्यता और उल्लास के अद्भुत संगम में बदल रहे थे। पूरे शहर में इमारतें रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रही हैं। सायंकाल दीपमालिकाओं ने इसमें चार चांद लगा दिए।
फूलों से महका आगराः गेंदे ने तोड़ा रेकॉर्ड
दीपावली की सुबह से ही शहर के बाजारों में रौनक चरम पर रही। फूलों की दुकानों के साथ ही फेरी लगाने वाले ठेलों पर लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी मानो पूरा शहर रंगों से सजना चाहता हो। बालूगंज, बेलनगंज, बोदला, ताजगंज, गुरुद्वारा मार्केट और शाहगंज समेत समूचे शहर में पीले और नारंगी गेंदे की मालाएं हाथों-हाथ बिकती रहीं।
फूल विक्रेताओं ने बताया कि इस साल मांग इतनी ज़्यादा रही कि दाम 200 रुपये किलो तक जा पहुंचे। फूलों की खरीददारी को देखकर लगा कि मोहब्बत के शहर में आज खुशबू भी जैसे उत्सव मनाने निकली थी।
घर-घर जले दीप, आस्था और रंगोली की छटा
शाम ढलते ही शहर की गलियां दीपों की श्रृंखला में बदल गईं। हर घर, हर छत और हर आंगन दीयों की सुनहरी लौ से जगमगाता दिखा। महिलाओं और बच्चों ने रंगोली से स्वागत द्वारों को सजाया, तो कहीं रंगीन झालरों ने छतों पर इंद्रधनुषी रोशनी बिखेरी।
घर-घर लक्ष्मी-गणेश की आराधना के साथ श्रद्धा और समृद्धि की कामना की गई। व्यापारियों ने परंपरागत रूप से अपने प्रतिष्ठानों में खाता-बही पूजन किया।
पंडितों के अनुसार, इस बार सर्वार्थसिद्धि योग में पूजन का विशेष महत्व रहा, जिससे दीपावली की शुभता और बढ़ गई।
आसमान में फूटी खुशियों की आतिशबाज़ी
शाम के सात बजते ही आसमान मानो रंगों का कैनवास बन गया। चकरी, अनार, रॉकेट और फुलझड़ियों ने ऐसा नज़ारा रचा कि पूरा शहर चमक उठा।
बच्चों की किलकारियाँ और युवाओं की हंसी के साथ ताज के शहर ने आतिशबाज़ी की रंगीन लकीरों से दीपावली का जश्न मनाया।
कई कॉलोनियों और सोसायटियों में सामूहिक दीपोत्सव का आयोजन हुआ जहां सामूहिक आरती, दीप प्रज्ज्वलन और मिठाइयों की मिठास ने एकता का भाव और गहरा कर दिया।
शहर के हर बाजार में दिखी उत्सव की रौनक
राजामंडी, किनारी बाजार, संजय प्लेस, शाहगंज और फतेहाबाद रोड समेत शहर के हर छोटे और बड़े बाजारों के व्यापारियों के चेहरों पर इस बार मुस्कान देखने को मिली। कपड़ों से लेकर मिठाइयों, इलेक्ट्रॉनिक से लेकर सजावटी सामान तक हर दुकान पर खरीदारों की भीड़ रही। व्यापारियों ने कहा कि पिछले कुछ सालों में ऐसी रौनक नहीं देखी थी।
आगरा शहर के साथ जिले के एत्मादपुर, खंदौली, फतेहपुर सीकरी, किरावली, अछनेरा, कागारौल, मिढ़ाकुर, खेरागढ़, जगनेर, सैंया, इरादतनगर, शमसाबाद, फतेहाबाद, बाह, बटेश्वर, पिनाहट और जैतपुर समेत अन्य कस्बों और गांवों में भी दिवाली की धूम है।
उमंग, श्रद्धा और रोशनी का संगम
आगरा में दीपावली इस बार सिर्फ़ एक पर्व नहीं रही बल्कि यह उम्मीद, पुनर्जागरण और सामाजिक उत्साह की कहानी बन गई। जब लाखों दीप टिमटिमाए, तो लगा जैसे इतिहास और वर्तमान दोनों ही रौशनी में नहा उठे हों। हर गली, हर मोहल्ला, हर मंदिर से आज बस एक ही स्वर गूंज रहा था- दीप जलाओ, दिल मिलाओ — खुशियों की रौशनी फैलाओ।