आगरा दीवाली की चमक के बीच आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर मंगलवार (21 अक्टूबर 2025) को सफाई कर्मचारियों की हड़ताल ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। बोनस न मिलने और वेतन में अनुचित कटौती के विरोध में करीब 35 सफाई कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया, जिससे प्लेटफॉर्म और वेटिंग हॉल में गंदगी का अंबार लग गया। यात्रियों को कचरे और बदबू के बीच समय बिताना पड़ा। रेलवे अधिकारियों ने लंबी वार्ता के बाद कर्मचारियों को बोनस का भरोसा दिलाया, तब जाकर दोपहर में हड़ताल खत्म हुई और सफाई कार्य शुरू हुआ।
कर्मचारियों की शिकायत: 9000 का वेतन, न PF, न ESI, न मेडिकल इंश्योरेंस
आगरा कैंट स्टेशन पर सफाई का जिम्मा संभालने वाली आरएन इंडस्ट्रीज कंपनी के तहत 100 कर्मचारी तीन शिफ्टों में काम करते हैं। मंगलवार सुबह की शिफ्ट में 35 कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी। कर्मचारी मनीषा ने बताया, “हमें 9000 रुपये मासिक वेतन मिलता है, जो 20-25 दिन देरी से आता है। न तो पीएफ कटता है, न ईएसआई, और न ही मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा है। शिफ्ट का समय 8 से बढ़ाकर 9 घंटे कर दिया गया है।”
कर्मचारी अजय कुमार ने कहा, “दीवाली पर बोनस की उम्मीद थी, लेकिन कंपनी ने कुछ नहीं दिया। हमें महीने में चार छुट्टियां मिलती हैं, लेकिन एक अतिरिक्त छुट्टी लेने पर वेतन से 2000 रुपये तक काट लिए जाते हैं। इस बार सभी कर्मचारियों के वेतन से 2000 रुपये की कटौती की गई, जो अनुचित है। इसी के विरोध में हमने हड़ताल की।”
रेलवे का हस्तक्षेप: बोनस का भरोसा, दोपहर में शुरू हुई सफाई
हड़ताल की सूचना पर रेलवे और कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। कई घंटों की वार्ता के बाद कर्मचारियों को बोनस देने और उनकी शिकायतों पर विचार करने का आश्वासन दिया गया। आगरा रेल मंडल की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया, “सफाई कर्मचारियों का बोनस और अवकाश को लेकर विवाद था। रेलवे और कंपनी ने मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कर लिया है। बोनस देने का निर्णय हुआ है, और सफाई कार्य दोपहर से शुरू हो गया है।”
यात्रियों की परेशानी: गंदगी में बैठने को मजबूर
हड़ताल के कारण स्टेशन पर सुबह से दोपहर तक सफाई नहीं हुई। प्लेटफॉर्म पर खाने-पीने की चीजें, प्लास्टिक और कचरा बिखरा रहा। दिल्ली से आए यात्री रमेश गुप्ता ने कहा, “वेटिंग हॉल में बैठना मुश्किल हो गया था। गंदगी और बदबू से परेशानी हुई। रेलवे को ऐसी स्थिति से पहले ही निपटना चाहिए था।” एक अन्य यात्री, शबनम खान ने कहा, “दीवाली के समय स्टेशन की यह हालत शर्मनाक है।”
यूपी में कर्मचारी असंतोष का पैटर्न
यह पहला मामला नहीं है जब यूपी में कर्मचारियों ने बोनस या वेतन कटौती के खिलाफ हड़ताल की हो। हाल ही में लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर भी सफाई कर्मचारियों ने इसी तरह का विरोध किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि निजी ठेका कंपनियों की मनमानी और सरकारी निगरानी की कमी ऐसी समस्याओं को जन्म दे रही है। कर्मचारी यूनियनों ने मांग की है कि रेलवे सफाई कर्मचारियों को स्थायी नौकरी और बेहतर सुविधाएं दे