एस०एम० इण्टर कॉलेज मडावरा में मनाई गई मेजर ध्यानचंद जी की 116 वी जयंती - समाचार RIGHT

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रविवार, 29 अगस्त 2021

एस०एम० इण्टर कॉलेज मडावरा में मनाई गई मेजर ध्यानचंद जी की 116 वी जयंती

एस०एम० इण्टर कॉलेज मडावरा में मनाई गई मेजर ध्यानचंद जी की 116 वी जयंती

ललितपुर। हॉकी के जादूगर भारत को 1928 1932 1936 में हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाने वाले प्रत्येक युवाओं के दिलों को खेल के लिए प्रेरित करने वाले पदम भूषण प्राप्तकर्ता जिनके नाम पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है ऐसे महान विभूति मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित किया गया। कार्यवाहक प्रधानाचार्य संतोष कुमार त्रिपाठी ने बताया की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की भूमि पर 29 अगस्त 1905 ईसवी को ध्यानचंद जी ने जन्म लिया और कुछ समय बाद वह झांसी में आकर रहने परिवार सहित लगे,धीरे-धीरे अपने कार्यों एवं सद्चार से भारतीय सेना में सैनिक के रूप में भर्ती हुए लगातार अपने कार्य से लोगों को प्रभावित किया और सूबेदार बन गए,कुछ समय बाद इन्हें मेजर का पद मिल गया भारतीय सेना में जिस तरह से इन्होंने भारत मां का गौरव बढ़ाया उसी प्रकार से मां भारती का गौरव खेल के प्रति अपनी निष्ठा से सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाया 1928 ईस्वी 1932 ईस्वी 1936 ईस्वी में इनके कारनामों से भारत ने ओलंपिक में हाकी का मेडल अपने नाम किया।
उन्होंने कहा था देश का कार्य आप को बढ़ाना नहीं है बल्कि आपका कार्य है देश को आगे बढ़ाना। इनके खेल से और उनके विचारों से इनके कार्यों से तत्कालीन महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन और जर्मनी के तानाशाह हिटलर भी प्रभावित हुए जब 1936 में बर्लिन में ओलंपिक हॉकी फाइनल में जर्मनी की पराजय भारत देश से हुई तो हिटलर ने स्वयं कहा था कि कि आप जर्मनी आ जाओ और इस देश से खेलो लेकिन मेजर साहब ने मना कर दिया इनकी उपलब्धि को देखते हुए भारत देश के युवाओ के साथ-साथ विश्व भर के युवा खेल प्रेमी बड़े सम्मान के साथ इन्हें याद करते हैं विश्व में इनका सम्मान इसी से पता चलता है कि ऑस्ट्रिया देश के वियना में मेजर ध्यानचंद जी की एक मूर्ति बनी है जिनमें चार हाथ दिखाए गए हैं और चारों हाथों में हॉकी पकड़ाई गई है।
भारत के साथ साथ विश्व भर के युवा इन्हें अपना आदर्श पथिक मानते हैं जो अपने आप में भारत देश को गौरवान्वित महसूस कराता है। इनके खेल को देखते हुए तत्कालीन लोगों ने कहा था की इनके हॉकी में कोई जादू है कि गेद हॉकी से छुटती ही नहीं है। वर्तमान केंद्र सरकार ने 6/08/2021 को खेल का सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रख दिया गया है कार्यक्रम में विद्यालय परिवार से3 राहुल झा,त्रिलोक सिंह लोधी, ड़ी० प्रसाद विश्वकर्मा,घूमन सिंह लोधी,चुन्नीलाल कुशवाहा,धर्म सिंह कुशवाहा,जाहर सिंह लोधी सहित विद्यालय परिवार के सदस्यों ने कार्यक्रम में शामिल होकर पुष्पांजलि अर्पित की।

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