जोशी ब्राह्मण महासभा ने मिलकर निभाया भाई का फर्ज़
बिन माँ बाप की ग़रीब बेटी की शादी का सभी खर्च उठाकर जोशी ब्राह्मण महासभा ने जीत लिया सबका मन
आगरा। जोशी ब्राह्मण महासभा के तत्वधान में कन्यादान मिशन के अंर्तगत महासभा की सहयोग राशि से कल एमपी पुरा गुम्मट ताजगंज में बिन माँ बाप की ग़रीब कन्या का विवाह बड़े धूम धाम से सम्पन हुआ। इस नेककार्य ने सबका मन जीत लिया। जिसकी चर्चा हर ओर है। इस विवाह ने राम राज्य को चरितार्थ कर दिया। इस विवाह ने आधुनिक समाज में एक नई प्रेरणा, नया आदर्श प्रस्तुत किया है। यही हमारी मार्मिक संस्कृति है। हमें नाज़ है अपनी सनातन संस्कृति पर इसीलिए कहते हैं - "गाँव राम होता है"।
यह वाक्या एमपी पुरा गुम्मट ताजगंज का हैं। जहां बिन माँ बाप की ग़रीब बेटी की शादी की बात जोशी ब्राह्मण महासभा के मन को छू गई, फिर क्या था। सबने इकट्ठे होकर निर्णय लिया कि ग़रीब की बेटी हमारी भी बेटी है। कार्यकर्ताओं ने सैंकड़ो की संख्या में इकट्ठे होकर विवाह सम्पन्न कराया। इस शुभ अवसर पर जोशी ब्राह्मण महासभा के गोविंद शर्मा ने बताया कि एमपी पुरा गुम्मट ताजगंज की बिन माँ बाप की ग़रीब बेटी के विवाह की जिम्मेदारी जोशी ब्राह्मण महासभा ने ली और उस की शादी का सभी खर्च उठाया और सभी बारातियों के लिए भोजन व कन्यादान रूप में डबल बेड पलंग, वॉशिंगमशीन, मिक्सी, अलमारी, कूलर, टेबल कुर्सी, तकिया बेड, इत्यदि व देनिक जीवन में उपयोग होने वाले
आइटम भेंट रूप दिए साथ ही टेंट ओर लाइट की व्यवस्था की गई।
इस अवसर पर जोशी ब्राह्मण महासभा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ( मथुरा ) से कन्या को आशीर्वाद देने आए और साथ मे गोविन्द शर्मा, सूरज शर्मा, योगेश शर्मा, राहुल शर्मा, सत्तो शर्मा,अजय शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा सभी ने कन्या को आशीर्वाद दिया। इस नेक कार्य मे कन्यादान रूप सहयोग राशि दी हमारे भामा सा : रवि शर्मा ( गांगनगर ) देवेंद्र शर्मा ( हैदरबाद), मनोज शर्मा, देवेंद्र शर्मा ( भीलवाड़ा) गोविन्द शर्मा ( जोधपुर ) सिंटू शर्मा, पारस शर्मा, प्रदीप शर्मा ( अलीगढ़ ) संजय शर्मा ( हैदरबाद ) राजकुमार शर्मा, दिंगबर लाल शर्मा, अनुराग शर्मा ( उदयपुर) रवि पराशर इत्यादि गणमान्यजनों की सहियोग राशि से कन्या का विवाह बड़े धूम धाम से सम्पन हुआ। जिसकी चर्चा हर ओर है। हिंदुस्तान की संस्कृति को सल्यूट जो आज भी दिलों में प्यार अपने शहर समाज व परिवार के लिए जिंदा है। हम उन सभी चरित्रवान लोगों को भी बारम्बार प्रणाम करते हैं। धन्य है समाज के वे बुजुर्ग जिन्होंने अपने परिवार के बच्चों को ऐसा अच्छे संस्कार दिए। किसी की बहन बेटी को अपनी बहन बेटी समझ करके उनकी शारीरिक, आर्थिक मदद की और हमारे हिन्दू भाइयों के लिये यह एक बहुत बडा उदाहरण प्रस्तुत किया।