मण्डलायुक्त ने निगम स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का किया औचक निरीक्षण
प्रदूषण नियंत्रण हेतु इन्वायरनमेंट सेंसर्स, आईटीएमएस चालान सिस्टम, प्राप्त शिकायतों पर सुनवाई व्यवस्था, सफाई मित्रों की पोर्टल आधारित उपस्थिति इत्यादि की ली जानकारी, दिए दिशा निर्देश
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के डैशबोर्ड का किया अवलोकन, कार्य संतोषजनक न पाए जाने पर जताई कड़ी नाराजगी
मंडलायुक्त द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर देखी साफ सफाई व्यवस्था,स्वचालित स्मार्ट शौचालय तथा पिंक सुलभ शौचालय में गंदगी तथा अव्यवस्था मिलने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के दिए निर्देश
50 लाख का अर्थदंड आईसीसीसी पर लगाने, स्वचालित सुलभ शौचालय के कांट्रेक्टर पर उचित रखरखाव व संचालन न करने पर अर्थदंड लगाने, निरीक्षण स्थानों पर पाई गई गंदगी व कूड़े से संबंधित इंस्पेक्टर व सुपरवाइजर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
साफ सफाई की उचित व्यवस्था न करने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी व पर्यावरण अभियंता के विरुद्ध लिखित चेतावनी जारी करने के दिए निर्देश
अवैध होर्डिंग, वेंडर्स को हटाने, वैडिंग नीति के सही अनुपालन न कराने तथा वैडिंग जोन को सही से संचालित न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने को किया निर्देशित
आगरा:- मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी द्वारा नगर निगम परिसर स्थित आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया, मंडलायुक्त ने सर्वप्रथम इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर देखा, जिसमें आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा आयुक्त को इस परियोजना के सभी पहलुओं से अवगत कराया गया, बताया गया कि इस परियोजना के अन्तर्गत 1216 सी०सी०टी०वी० कैमरे, नगर के उपयुक्त स्थलों नगरवासियों की सुरक्षा के लिये लगाये गये है। इस परियोजना में इन्टेलीजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत मुख्य 43 चौराहों की निगरानी कमाण्ड कन्ट्रोल सेन्टर से की जा रही है।साथ ही इस परियोजना के अन्तर्गत आगरा शहर में सफाई की उचित व्यवस्था बनाने हेतु तीन लाख से अधिक घरों में आर.एफ. आई.डी. टैग लगाया गया है, जिससे घरों से निकलने वाले कूड़े को एकत्रित करने की प्रक्रिया का प्रबन्धन एवं निगरानी एकीकृत कमाण्ड एवं कन्ट्रोल सेंटर द्वारा किया जा रहा है। शहर के 38 स्थानों पर प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिये इन्वायरमेंट सेंसर्स भी स्थापित किये गये है।
आयुक्त द्वारा चालान के सम्बन्ध में जानकारी की गई कि अब तक कितने वायलेशन हुये है एवं उसके सापेक्ष कितने चालान हुये है। साथ ही जानकारी चाही गयी कि किन-किन कैटेगरी में चालान किये जाते हैं, इस हेतु इसकी एक पृथक से रिपोर्ट पोर्टल से जनरेट होकर आनी चाहिए। इस पर आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सी.डी.ओ द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2019 से आई.टी.एम.एस. सिस्टम के माध्यम से चालान जनरेट किये जाते है एवं अबतक कुल 5 लाख चालान जिसकी कुल धनराशि रू0 53.00 करोड़ है, किये जा चुके है। इस पर आयुक्त महोदया द्वारा द्वारा पूछा गया कि अबतक कितनी धनराशि की वसूली की जा चुकी है, जिसके क्रम में अवगत कराया गया कि अभी तक रू0 4.00 करोड़ की धनराशि वसूली गयी है। इतनी कम वसूली को लेकर महोदया द्वारा असंतोष व्यक्त किया, तथा इस हेतु ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी को ड्यूटी पर लगाने के निर्देश दिए।
तत्पश्चात आयुक्त द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के डैशबोर्ड का अवलोकन किया गया तथा कर्मचारियों की उपस्थिति पोर्टल के माध्यम से न लगाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की , तथा मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये गये कि समस्त सफाई कर्मचारी की उपस्थिति पोर्टल के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित करें। मंडलायुक्त द्वारा शिकायत सिस्टम का भी अवलोकन किया तथा पाया कि,कार्य के बाद की फोटोग्राफ नहीं हैं, तद्क्रम में उनके द्वारा भविष्य में कार्य के बाद की फोटोग्राफ लगाने के निर्देश दिये गये। आयुक्त द्वारा पूछा गया कि आर. एफ. आई.डी. की स्कैनिंग क्यों नहीं की जा रही है, जिस पर पर्यावरण अभियन्ता कोई जवाब नहीं दे पाये, महोदया द्वारा निर्देशित किया गया कि इसको तत्काल प्रारम्भ कराया जाये। साथ ही पूछा गया कि नगर निगम, आगरा में कितने सैनेटरी इंस्पेक्टर, सुपरवाईजर एवं सफाईकर्मचारी है, जिस पर नगर आयुक्त, आगरा द्वारा अवगत कराया गया कि नगर निगम, आगरा में 26 सैनेटरी इंसपेक्टर 6 सुपरवाईजर एवं 4500 सफाईकर्मचारी हैं।
मंडलायुक्त द्वारा निरीक्षण के दौरान ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन के अनुश्रवण किये जाने हेतु नगर आयुक्त को निर्देशित किया गया। आयुक्त द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी कि भारत इलैक्ट्रानिक लि0 का इतना सारा स्टॉफ यहां बैठकर करता क्या है? उनके द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गयी कि एम०एस०आई० परियोजना के ऑपरेशन मेंटिनेंस में कार्यदायी संस्था द्वारा अपेक्षित रूचि नहीं ली जा रही है। भारत इलैक्ट्रानिक लि. के प्रतिनिधि को चेतावनी दी गयी कि जबतक ऑपरेशन मेंटिनेंस ठीक प्रकार से नहीं किया जायेगा तबतक कार्यदायी संस्था को कोई भुगतान नहीं किया जायेगा एवं अर्थदण्ड लगाये जाने की कार्यवाही की जायेगी, जिसमें ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही भी की जा सकती है।