DVVNL के कैंप में महिला ने साड़ी उतारकर लगाया फंदा, सुसाइड की कोशिश से हड़कंप - समाचार RIGHT

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रविवार, 12 जनवरी 2025

DVVNL के कैंप में महिला ने साड़ी उतारकर लगाया फंदा, सुसाइड की कोशिश से हड़कंप

DVVNL के कैंप में महिला ने साड़ी उतारकर लगाया फंदा, सुसाइड की कोशिश से हड़कंप



आगरा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा तमाम अनियमितताएं की जा रहीं हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बिजली उपभोक्ता बेहद गुस्से में हैं। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा ताबड़तोड़ उल्टे सीधे भेजे जा रहे हैं। बिलों को लेकर प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह के आदेश पर आगरा प्रशासन द्वारा शनिवार को जिला मुख्यालय पर कैंप आयोजित किया गया। जहां पर सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष अपने बिजली के बिलों की समस्याओं को लेकर आए। यहां पर भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। डीवीवीएनएल और टोरंट कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी एक पटल से दूसरे पटल पर भेजते रहे, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। 

कैंप में भी नहीं हुआ समाधान
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही बिजली उपभोक्ताओं के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है।उत्तर प्रदेश टाइम्स बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं को लगातार आगरा प्रशासन और शासन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह को भी डीवीवीएनएल की लापरवाही और बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं की जानकारी हुई तो उन्होंने डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी को निर्देश दिए कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कैंप किया जाए। इसी क्रम में शनिवार को जिला मुख्यालय पर वृहद कैंप का आयोजन किया गया। यहां पर हजारों की संख्या में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से परेशान बिजली के उपभोक्ता पहुंचे। यहां पर किसी का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था, तो किसी पड़ोसी का बिल दूसरे व्यक्ति को थोप दिया गया था। 

जब रो पड़ी पीड़ित महिला
जिला मुख्यालय पर बिजली की समस्याओं का निराकरण न होते देख एक महिला तो आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। आनन फानन में पुलिस ने साड़ी का फंदा बना रही महिला को पकड़ा और उसके हाथ से साड़ी ले ली। पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने महिला को बमुश्किल समझाया। लोहामंडी के काजीपाडा की करीब 50 वर्षीय महिला ने रो रोकर अपनी व्यथा बताई और कहा कि मेरे घर में एक बच्चे के अलावा कोई नहीं है। मेरे पुरखों का यह बिजली का बिल है और मेरे ऊपर थोप दिया गया है। यह डीवीवीएनएल का बिल करीब 2 से 3 लाख रुपये का बताया जा रहा है। मैं अपने परिवार का भरण पोषण बमुश्किल से कर पा रही हूं, यह बिजली का बिल कहां से भरुंगी। महिला का कहना था की टोरंट का बिल मेरे ऊपर कोई बकाया नहीं है, फिर मेरी जैसी पीड़िता को क्यों परेशान किया जा रहा। काजीपाड़ा का यह पहला मामला नहीं था, करीब 50 से अधिक मामले काजीपाड़ा के ही थे। यह सब के सब दक्षिणांचल से पीड़ित थे

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