आगरा। बुधवार को समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर करणी सेना के हमले के बाद उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया है। इस संबंध में उन्होंने एक पत्र जारी किया है।
सपा सांसद का कहना है कि मुझे दुख है कि मेरे इस वक्तव्य से कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं हैं, जबकि मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। मुझे इसका खेद है। मैं सभी जाति, वर्गों एवं संप्रदायों का सम्मान करता हूं। उन्होंने लिखा है कि राजपूत समाज के गौरव की अनेक गाथाएं हैं। सामाजिक संरचना में उनका योगदान उल्लेखनीय है। सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने जारी पत्र में कहा है कि राज्यसभा में वक्तव्य के दौरान उनके कहने का आशय ये था कि हमें इतिहास के दबे मुर्दों को पुनर्जीवित नहीं करना चाहिए। इसके विपरीत मेरे वक्तव्य की मूल भावना छोड़कर अनेक विवाद उत्पन्न किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन समाजवादी विचारधारा के मूल्यों के प्रति समर्पित रहा है। सपा सांसद ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र फिरोजाबाद, आगरा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है, जो ये कह सके कि उनके द्वारा कभी भी जाति या धर्म की राजनीति की गई हो या इस आधार पर किसी की सहायता नहीं की गई हो। उन्होंने आगे कहा कि हमें इतिहास से सीख लेकर न्याय संगत समाज के निर्माण की दिशा में मिलकर कार्य करना चाहिए, न कि समाज में वैमनस्यता पैदा करनी चाहिए, यही मेरे बयान की मूल भावना थी। हमें भूतकाल की घटनाओं को आज के सामाजिक व्यवहार का आधार नहीं बनाना चाहिए।