आगरा। कहावत है बातचीत हर समस्या का हल है। इससे बड़ी से बड़ी चीज को टाला व सुलझाया जा सकता है। जब वार्ता करने वाला पुलिस विभाग का जिले का मुखिया ही हो तो कुछ करने की इच्छा रखने वाले भी अपनी सोच को बदल देते हैं। आगरा में भी यही हुआ। नए पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार की सूझबूझ ऐसी काम आई कि क्षत्रिय सभा और करणी सेना सड़कों पर नहीं उतर पाई।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के आज आगरा में आने पर क्षत्रिय सभा और करणी सेना के द्वारा विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई गई थी। इस रणनीति को पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने पहले ही भांप लिया। पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार को दोनों ही संगठन के पदाधिकारियों को बुलाकर चाय पर वार्ता की। उन्होंने कहा कि है यह शहर हम सभी लोगों का है। यहां का माहौल न बिगड़े यह भी हम लोगों की जिम्मेदारी है। पुलिस कमिश्नर के साथ हुई लंबी वार्ता के बाद दोनों ही संगठन ने अपने-अपने विरोध प्रदर्शन को स्थगित कर दिया। यही नहीं पुलिस कमिश्नर ने राज्य सभा सांसद रामजीलाल सुमन को भी बुलाया और उनसे भी लंबी वार्ता की और समझाया कि सपाई भी किसी तरीके का विरोध प्रदर्शन ना करें। करणी सेना क्षत्रिय सभा और राज्यसभा सांसद से बुलाकर बातचीत करने का नतीजा यह निकला की शनिवार को सपा मुखिया के आने पर भी सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। क्षत्रिय सभा के द्वारा फेसबुक पर पोस्ट डालकर लिखा गया पुलिस आयुक्त से हुई वार्ता के क्रम में क्षत्रिय सभा जिला आगरा का विरोध प्रदर्शन स्थगित। पुलिस विभाग के अधिकारी भी पुलिस कमिश्नर की सूझबूझ की प्रशंसा कर रहे हैं। बताया जाता है आईपीएस दीपक कुमार ने कई जिलों में बड़े-बड़े मामले ऐसे ही हल कराए हैं। एक जिले से तो जब उनका तबादला हो गया था तो वहां की जनता उनका तबादला रोकने के लिए सड़कों पर उतर आई थी।